सामवेदीय ब्राह्मण
सामवेदीय ब्राह्मण
1. पञ्चविंश ब्राह्मण - इसे ताण्ड्य, प्रौढ व महाब्राह्मण भी कहते है । इसमें 25 अध्याय, प्रमुख विषय सोमयाग है ।
2. षड्विंश ब्राह्मण - यह अद्भुत ब्राह्मण के नाम से प्रसिद्ध है ।
3.छान्दोग्य ब्राह्मण - इसे मन्त्र ब्राह्मण भी कहा जाता है ।
4. सामविधान ब्राह्मण
5. आर्षेय ब्राह्मण - यह सामवेद की आर्षानुक्रमणी का कार्य करता है ।
6. देवताध्याय ब्राह्मण - इसमें देवताओं व छन्दों का विवेचन मिलता है ।
7. संहितोपनिषद् ब्राह्मण - इसमे सामगान पद्धित का उल्लेख मिलता है ।
8. वंश ब्राह्मण - इसमें सामवेद के गुरुओं की वंश परम्परा का उल्लेख मिलता है ।
9. जैमिनीय ब्राह्मण - इसे तवल्कार ब्राह्मण भी कहा जाता है ।
1. पञ्चविंश ब्राह्मण - इसे ताण्ड्य, प्रौढ व महाब्राह्मण भी कहते है । इसमें 25 अध्याय, प्रमुख विषय सोमयाग है ।
2. षड्विंश ब्राह्मण - यह अद्भुत ब्राह्मण के नाम से प्रसिद्ध है ।
3.छान्दोग्य ब्राह्मण - इसे मन्त्र ब्राह्मण भी कहा जाता है ।
4. सामविधान ब्राह्मण
5. आर्षेय ब्राह्मण - यह सामवेद की आर्षानुक्रमणी का कार्य करता है ।
6. देवताध्याय ब्राह्मण - इसमें देवताओं व छन्दों का विवेचन मिलता है ।
7. संहितोपनिषद् ब्राह्मण - इसमे सामगान पद्धित का उल्लेख मिलता है ।
8. वंश ब्राह्मण - इसमें सामवेद के गुरुओं की वंश परम्परा का उल्लेख मिलता है ।
9. जैमिनीय ब्राह्मण - इसे तवल्कार ब्राह्मण भी कहा जाता है ।
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